जब भी कोई व्यक्ति आपके नाम से झूठी f.i.r. करवाता है या उसके साथ कोई संघीय अपराध होता है जिसमें आप शामिल नहीं हो और वह फिर भी आपके नाम f.i.r. करवाता है तो ऐसी कंडीशन में आप एफआईआर को खारिज करवा सकते हैं उसके दो तरीके हैं
1. सबसे पहले तो आप के नाम जब झूठी f.i.r. होती है तो जिस थाने में आपकी f.i.r. हुई और जो भी आपका इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर है उसके पास आप अपने दोस्त या अपने पिता किसी भी रिश्तेदार के द्वारा आप अपनी बेगुनाही का सबूत वीडियो रिकॉर्डिंग या अन्य कोई सबूत उस इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर को दे सकते हैं जिससे उसे जांच करने में आसानी होगी और आपके बेगुनाही के सबूत मिलने पर आपके नाम f.i.r. रद्द की जा सकती है
यदि आपको लगता है कि इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर गलत तरीके से जांच कर रहा है उसने दूसरे पक्ष से रिश्वत ले ली है तो आप अपने क्षेत्र के CO के पास प्रमाणित एफ आई आर की कॉपी ले जा सकते हैं वहां पर अपने दोस्त या रिश्तेदार के द्वारा सीओ के यहां अपने बेगुनाही के सबूत दे सकते हैं
अगर आपको लगता है कि वो भी उनसे मिला हुआ है और CO भी आप की नहीं सुनता है तो आप एफ आई आर की प्रमाणित प्रति लेकर अपने जिले के SP को प्रार्थना पत्र लिख सकते हैं कि आपकी f.i.r. में इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर बदला जाए या आप अपने बेगुनाही के सबूत अपने दोस्त या रिश्तेदार के द्वारा SP को भिजवा सकते हैं जिससे आपकी f.i.r. रद्द की जा सकती है
अगर फिर भी आपकी f.i.r. रद्द नहीं होती है कोई भी पुलिस ऑफिसर CO ,SP आपकी f.i.r. रद्द नहीं करते हैं आपको लगता है यह भी उनसे मिले हुए हैं या उन्होंने रिश्वत ले लिया है तो आप दंड प्रक्रिया की धारा 482 के अंतर्गत आप हाई Petition filed कर सकते हैं और वहां से अपनी बेगुनाही के सबूत दे कर झूठी FIR quash को खारिज करवा सकते हैं
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के अधीन हाई कोर्ट को यह अधिकार है कि वह झूठी एफआईआर को रद्द कर सकता है इसके बाद आप. आईपीसी की धारा भारतीय दंड संहिता की धारा 211 और 500 के अधीन आप झूठी एफआईआर करने वाले व्यक्ति पर भी मुकदमा केस कर सकते हैं