बुधवार, 8 सितंबर 2021

CISF और CRPF में अंतरऔर उनके कार्य

 इस लेख में जानेंगे कि CISF और CRPF में क्या अंतर होता है इनके कार्य क्या होते हैं और इनकी फुल फॉर्म के बारे में आप विस्तार से जानेंगे

फुल फॉर्म

CISF - Central Industrial Security Force
                 केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल

CRPF - Central Reserve Police Force
                    केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल


केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल 1969 मैं अस्तित्व में आया
यह भारत सरकार गृह मंत्रालय से जुड़ी होती है CISF इस समय परमाणु संस्थापनाओ, हवाई अड्डो, बंदरगाहों समुद्री पन्तनो, विद्युत संयंत्रों, संवेदनशील सरकारी भवनों, केंद्रीय उद्योग आदि को सुरक्षा कवच प्रदान करता है क्योंकि बड़े उद्योगों में बहुत ज्यादा पैसा इन्वेस्ट होता है और कुछ ऐसे उद्योग हैं


CISF के कार्य

 *हवाई अड्डे या अन्य बड़े उद्योग जहां पर खतरा भी रहता है जहां पर सुरक्षा करना  
*भारत में बड़े केंद्रीय उद्योगों की रक्षा करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल जिम्मेदार है 
* बंदरगाहों की सुरक्षा करना
* भारत के अन्य बड़े उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करना


दोस्तों जैसा कि आपने सुना होगा कि सीआईएसएफ के एक कर्मचारी ने सलमान खान को एयरपोर्ट पर चेकिंग करने के लिए रोका इससे आप समझ सकते हैं सीआईएसएफ हवाई अड्डा सरकारी भवनों आज उद्योगों को सुरक्षा प्रदान करती है


CRPF यह क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया स्वतंत्रता के बाद यह 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया 

CRPF केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है CRPF की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में संघ शासित प्रदेशों की सहायता, केंद्र शासित प्रदेश और राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और आतंकवाद रुकने का कार्य करती है इसके अलावा वीआईपी सिक्योरिटी और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी सीआरपीएफ जिम्मेदार होती है

CRPF के मुख्य कार्य
  • दंगा नियंत्रण करना
  • काउंटर अलगाववाद  उग्रवाद से निपटना
  • वामपंथी उग्रवाद से निपटना
  •  चुनाव  में विशेष रूप से बड़े पैमाने पर सुरक्षा 
  • सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति पालन 
  • प्राकृतिक आपदाओं के समय बचाव और राहत कार्य




रविवार, 5 सितंबर 2021

मोटरयान में परिवर्तन धारा 52 वाहनों में परिवर्तन सही है या गलत

दोस्तों इस लेख में आप जानेंगे क्या आप अपनी कार किसी भी मोटरसाइकिल अन्य वाहनों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन मॉडिफाई करा सकते हैं क्या यह मॉडिफाई कराना अवैध है 

मोटर यान अधिनियम 1988  धारा 52 मोटरयान में परिवर्तन-

1. कोई मोटरयान स्वामी यान में इस प्रकार का परिवर्तन नहीं करेगा कि रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र में दी हुई प्रविष्टियां उनसे अलग हो जो मूल रुप से विनिर्माता द्वारा विनिर्दिष्ट है‌
( सरल भाषा में कहें तो कोई भी व्यक्ति जिसके पास कोई कार है या कोई अन्य वहान है वह उसमें ऐसा बदलाव नहीं करवा सकता है जो कि उसकी रजिस्ट्री प्रमाण पत्र से अलग हो आपने कई बार देखा होगा कि रजिस्ट्री प्रमाण पत्र में साफ-साफ सब कुछ लिखा होता है कि वहां कितने सीसी इंजन का है इसमें कितनी सवारी बैठने की क्षमता है कितना भार उठाने की क्षमता है इसीलिए कोई भी वाहन स्वामी ऐसा कोई भी बदलाव नहीं करवा सकता है जैसा कि उसकी कंपनी द्वारा जो वाहन का रजिस्ट्री प्रमाण पत्र है उसके अलग हो)

परंतु यह भी है कि केंद्र सरकार किसी विनिर्दिष्ट प्रयोजन के लिए उक्त विनिर्दिष्ट ढंग से अतिरिक्त अन्य ढंग से यान
( वाहन) में परिवर्तन के लिए छूट प्रदान कर सकती है

1. किसी मोटर वाहन का विनिर्माता केंद्रीय सरकार द्वारा जारी निर्देश पर केंद्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसे मानकों और विनर्देशों के अनुसार सुरक्षा उपकरणों या किसी अन्य उपकरणों में परिवर्तन या पुनः संयोजन करेगा

2. उप धारा 1 किसी बात के होते हुए भी कोई व्यक्ति रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी के पश्चआवर्ती अनुमोदन से उसकी स्वामित्व अधीन किसी यान में परिवर्तन कर सकेगा या उसे किसी रूपांतरित यान में बदलना कर सकता है

3. जहां मोटरयान में रजिस्ट्री करता प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना कोई परिवर्तन किया गया है वहां यान का स्वामी परिवर्तन कराने की 14 दिनों के भीतर रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी को जिसकी अधिकारिता के भीतर वह निवास करता है परिवर्तन की रिपोर्ट करेगा और विद फीस के साथ उस प्राधिकारी को रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा जिससे रजिस्ट्रीकरण का विवरण उस में प्रवेश किया जाए

4. कोई ऐसी प्रविष्टि करने वाले मूल रजिस्ट्री करता प्राधिकारी के अतिरिक्त कोई अन्य रजिस्ट्री करता प्राधिकारी प्रवृति के विवरण की सन सूचना मूल रजिस्ट्री करता प्राधिकारी को देगा

5. उप धारा 1 2 3 और 4 के अधीन किए गए प्रावधानों के अधीन कोई व्यक्ति जो अवक्रय करार के अधीन यान को धारण करता है, रजिस्ट्री कृत स्वामी की लिखित सहमति के सिवाय यान में कोई परिवर्तन नहीं करेगा

स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजन के लिए परिवर्तन से यान की संरचना में परिवर्तन है जिसका परिणाम उसके मूल लक्षण में परिवर्तन में होता है


विकास प्राधिकरण अप्रूव्ड कॉलोनी प्लाटिंग कौन सी होती है और फ्री होल्ड कॉलोनी जमीन कौन सी होती है

1 - D A  एप्रूव्ड ( डी ए से स्वीकृत)  वह जमीन जो विकाश प्राधिकरण किसानों से खरीद कर स्वयं या किसी बड़े बिल्डर से शहरी आवासीय योजना के मानको क...