रविवार, 6 अगस्त 2023

महिला की संपत्ति में उत्तराधिकार

क- पुत्र, थर्ड जेंडर संतान ,अविवाहित पुत्री, पुत्र का पुत्र ,थर्ड जेंडर संतान, अविवाहित पुत्री पुत्र के पुत्र का पुत्र थर्ड जेंडर संतान और अविवाहित पुत्री ,पूर्व मृत पुत्र की विधवा और पूर्व मृत पुत्र के पुत्र ,पूर्व मृत पुत्र की विधवा प्रति शाखा के अनुसार समान अंशों में

परंतु यह है कि प्रथम है उसी शाखा का निकटतम दूरतर को अपवर्जित कर देगा
परंतु द्वितीय यह कोई विधवा जिसने पुनर्विवाह कर लिया है अब वर्जित हो जाएगी

ख- पति या विवाहित थर्ड जेंडर पति या पत्नी

ग- विवाहित पुत्री

घ- पुत्री का पुत्र ,थर्ड जेंडर संतान और अविवाहित पुत्री

ड- पिता

च- विधवा माता

छ- भाई जो उसी मृत पिता का पुत्र हो या थर्ड जेंडर संतान सहोदर भाई या बहन हो जो उसी मृत पिता की संतान हो और भाई का पुत्र थर्ड जेंडर संतान और अविवाहित पुत्री पितृ शाखा अनुसार 

ज- अविवाहित बहिन

झ- विवाहित बहन

ञ- बहन का पुत्र थर्ड जेंडर संतान और अविवाहित पुत्री

जमीन का आपसी सहमति से बंटवारा

आज आप इस लेख में समझेंगे खेती की जमीन का आपसी बटवारा के बारे में विस्तार से 1.क्या आपसी बटवारा मान्य होगा? 2.आपसी बटवारा कानूनी तरीके से करने का प्रोसेस ? 3.आपसी बटवारा में कितना समय लगेगा ? 

1. क्या घर पर किया गया जमीन का आपसी बटवारा मान्य है ? - नहीं.  यदि आप किसी भी जमीन का बंटवारा लोगों की सहमति या अपने भाइयों अपने पार्टनर की सहमति से कर लेते हैं तो यह बंटवारा मान्य नहीं होता क्योंकि इसका कोई भी सरकारीी रिकॉर्ड नहीं होता है यदि बटवारा करने वाला व्यक्ति हो सकता है भविष्य्य में अपनी बात से मुकर जाए तो वह दोबाराा बटवारा के केस डाल सकता है इसलिए घर पर बिना कोर्ट के बिना सरकारीी बटवारा मान्य नहीं होता 

लेकिन यदि आप चाहें तो जमीन के सभी पार्टनर आपसी सहमति कोर्ट में देकर कोर्ट द्वारा वही बंटवारे का आर्डर जारी करवा सकते हैं जिससे केस लंबा नहीं चलेगा और कम समय में अंश निर्धारण हो जाएगा और उसके हिसाब से कुरा बना दिए जाएंगे और जो कि भविष्य में सभी पक्षों को मानने पड़ेंगे इस प्रकार से आप आपसी सहमति कोर्ट में देकर कोर्ट द्वारा बटवारा डिक्री करवा सकते हैं जो की मान्य होगा

2. आपसी सहमति से बंटवारे का कानूनी प्रोसेस क्या हैै ?- इसके लिए आपको कोर्ट में बटवाराा का दावा करना पड़े़े पड़ेगा जिसके बाद सबसे पहले अंशों कााा निर्धारण होगा उसकेेेे बााद अलग-अलग कुरा बनाया जाएगा और यदि आप सभी लोग बनााए गए कुरा पर सहमत हैं तो सहमती पत्र दे सकते हैं जिससे न्यायालय वही कुरा जारी कर देगा और वही आदेश देेेगाा जो कि आपका भविष्यय में वही आपका आपसी सहमति से हुआ सरकारी बटवारा कहलाएगा अगर आप इस पर आपसीी सहमति ना दी और आपने आपत्ति कर दी तो बंटवारे का मुकदमा कई वर्षों तक चल सकता हैै।

3. आपसी बटवारा कितने दिनों में हो जाता है- बटवारा केेेेे तीन चरण होते धारा 116 में अंश निर्धारित होता है धारा 117 में कुरा  उसके बाद दखल  आपसी सहमति से बंटवारा होने में सबसे कम समय लगता है यदि आप सभी लोग बंटवारे का दावा करते हैं और आपसी सहमति कोर्ट में दे देते हैं तो उसके बाद फिर लगभग आपको 3 महीने में पूरा बंटवारा हो सकता है 1 महीने के अंदर आपकेेे अंश निर्धारित होगे उसके बाद उस जमीन का अलग कुरा तैयार कियाा जायेगा और इनकााा आदेश्श व डिक्री जारी होगी इस तरीके सेेे लगभग 3 महीने का समय लग सकता है  



विकास प्राधिकरण अप्रूव्ड कॉलोनी प्लाटिंग कौन सी होती है और फ्री होल्ड कॉलोनी जमीन कौन सी होती है

1 - D A  एप्रूव्ड ( डी ए से स्वीकृत)  वह जमीन जो विकाश प्राधिकरण किसानों से खरीद कर स्वयं या किसी बड़े बिल्डर से शहरी आवासीय योजना के मानको क...