जैसा कि दोस्तों उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 98 अनुसूचित जाति के भूमिधरो द्वारा अंतरण पर भूमि बेचने पर प्रतिबंध लगाती है धारा 98 के अनुसार कुछ नियम और शर्तें दी गई है उनको पूरा करके ही आप अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन खरीद सकते हैं तो चलिए उन शर्तों के बारे में जान लेते हैं
1. सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति को कलेक्टर की लिखित पूर्व अनुज्ञा के बिना कोई भूमि किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति से अलग व्यक्ति को विक्रय ,दान, बंधक ,या पट्टा ,द्वारा अंतरित करने का अधिकार नहीं होगा
लेकिन कलेक्टर द्वारा भी लिखित अनुज्ञा तभी दी जाएगी जब वह धारा 98 में बताई गई शर्तों को पूरा कर रहा हो अथवा जो धारा 98 में नियम है जो शर्ते हैं उनको आवश्यक किया जाना है जरूरी है तभी कलेक्टर द्वारा अनुज्ञा या परमिशन दी जा सकेगी
क. अनुसूचित जाति के भूमिधर के पास धारा 108 की उप धारा (2) के खंड का अथवा धारा 110 के खंड (क) जैसी भी स्थिति हो उसका कोई जीवित उत्तराधिकारी नहीं होना चाहिए ऐसी कंडीशन में जब उसका कोई जीवित उत्तराधिकारी नहीं होगा तब वह अपनी जमीन को sc.st के अदर कास्ट के व्यक्ति को जमीन कलेक्टर की अनुमति के बाद बेच सकता है see
ख. यह नियम बहुत ही अच्छा है जो लोग आसानी से पूरी कर सकते हैं और वह आसानी से जमीन बेच सकते हैं इस शर्त के अनुसार अनुसूचित जाति का व्यक्ति जिस जिले में उसकी जमीन पड़ी है या जिस जिले में उसे अपनी जमीन बेचनी है वह व्यक्ति उस जिले से भिन्न अलग किसी जिले में या वह किसी अन्य राज्य में नौकरी कर रहा है अथवा कि व्यापार कर रहा है उसका कोई व्यवसाय है लगातार वह उस जिले से बाहर दूसरे जिले या दूसरे राज्य में रह रहा है नियमित रूप से वहां पर बस चुका है तो ऐसी स्थिति में वह अपनी जमीन कलेक्टर की आज्ञा के बाद एससी एसटी से अन्य व्यक्ति को बेच सकता है वहां पर उसको कोई भी किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी और जमीन आसानी से बेची जा सकती है और कलेक्टर की परमिशन भी वहां पर आसानी से मिल जाती है
ग. कलेक्टर को यह समाधान हो गया है कि वित्त कारणों से भूमि के अंतरण की अनुज्ञा देना आवश्यक है यहां पर आज्ञ देना जरूरी है तो कलेक्टर को यह अधिकार है कि वह वहां पर ऐसी भूमी बेचने के लिए आज्ञा दे सकते हैं
इसमें महत्वपूर्ण बात इस धारा के महत्वपूर्ण बात यह है कि अनुमति प्रदान करने के लिए कलेक्टर द्वारा ऐसी जांच की जा सकती है जो भी आप कारण बताते हैं कलेक्टर उनकी जांच कर सकता है और उसके बाद आपको भूमि अंतरण करने की लिखित आज्ञा दे सकते हैं
इसके अलावा भी कई कारण होने पर कोई sc-st व्यक्ति अपनी जमीन अदर कास्ट को बेच सकता है जैसे बेटी की शादी के लिए धन की आवश्यकता पड़ने पर भी अपनी जमीन sc-st से अन्य व्यक्ति को बेची जा सकती है ( इंद्रजीत बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सचिव राजस्व सिविल सचिवालय लखनऊ के माध्यम से एवं एक अन्य RD 2019
(142)3:2019RNP88( ALL HC ,LB)
अनुमति की मंजूरी धारा 99 के खंड 8 का विश्लेषण इंगित करता है कि जब एक बार रिपोर्ट /आपत्ति कोई हो प्राप्त की गई हो और कलेक्टर द्वारा यह समाधान हो जाता है कि धारा 98 की उप धारा 1 के खंड (क) अथवा (ख) की शर्तें पूरी हो गई है तो खंड (क) के माध्यम से वह कारण अभिलिखित करते हुए अनुमति प्रदान कर सकता है
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