1. धारा 143 क्या है?
2. धारा 143 किस भूमि की होती है?
3. धारा 143 करवाने के फायदे?
1. धारा 143 क्या है- उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम मे धारा 143 का प्रावधान किया गया है
दोस्तों सरल भाषा में स्पष्ट शब्दों में धारा 143 जमीन के उपयोग को चेंज करानेे में किया जाता है
धारा 143 में कृषि भूमि को अकृषि भूमि में बदला जाता है धारा 143 में चेंज हुई जमीन पर आप प्लॉट,घर मकान, स्कूल ,हॉस्टल, अन्य बिजनेस के उपयोग में ले सकते हैं
लेकिन आप कृषि भूमि पर प्लॉटिंग घर या अन्य बिजनेस के रूप में कृषि भूमि को आप बिना 143 में परिवर्तन कराए कानूनी रूप से अकृषि कार्यों के लिए प्रयोग नहीं कर सकते हैं
धारा 143 का प्रावधान इसीलिए किया गया है कि आगर यदि आप अपनी कृषि भूमि पर कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो वह जमीन धारा 143 अकृषि भूमि में परिवर्तन करानी पड़ेगी तभी आप उस भूमि को बिजनेस उद्योग अथवा अकृषि कार्य के लिए प्रयोग कर सकते हैं
कई स्थानों पर जमीन की धारा 143 नहीं करवाते हैं और वह अपनी खेती की जमीन पर बिना किसी 143 करवा कर उस पर घर, या उस पर प्लॉटिंग या अन्य
कृषि कार्य करते हैं जो कि कानूनन अवैध है
धारा 143 किस भूमि की होती है ? 143 के लिए शर्तें
* दोस्तों धारा 143 करवाने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि वह जमीन आपके नाम होनी चाहिए
* यह भी जरूरी है कि उस जमीन पर आप संक्रमण अधिकार रखने वाले जोतकार हो
* 143 करवाने से पहले आपके नाम जमीन अधिकतम जोत सीमा साडे 12 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए
143 करवाने के फायदे - दोस्तों जमीन को धारा 143 करवाने सेेेे अधिक फायदे होते हैं इसीलिए अधिकतर लोग जमीन की धारा 143 करवाना चाहते हैं
1. धारा 143 होने वाली जमीन अकृषि भूमि मानी जाती है इसलिए चकबंदी से बाहर हो जाती है
2. धारा 143 होने के बाद वह भूमि भू राजस्व शुल्क से मुक्त हो जाती है
3. धारा 143 वाली मैं परिवर्तन होने वाली जमीन का सर्किल रेट बढ़ जाता है दोस्तों वैसे भी अधिकतर लोग धारा 143 उसी जमीन का करवाते हैं जो रोड के पास या शहर के पास होती है जिसके बेचने पर अच्छे रेट या जो प्लॉटिंग के रूप में कट सके इसके बाद भी धारा 143 वाली जमीन का सर्किल रेट अधिक होता है
4. धारा 143 वाली जमीन अधिकतम जोत सीमा साडे 12 एकड़ में नहीं जुड़ती है दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता होगा कि उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति के पास साडे 12 एकड़ से अधिकतम कृषि जमीन नहीं हो सकती है
और ना ही कोई व्यक्ति साढे 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद सकता है
लेकिन जो जमीन धारा 143 में परिवर्तन हो गई है वह जमीन साढे 12 एकड़ की अधिकतम जोत सीमा में नहीं जुड़ती है
5. अगर धारा 143 करवा के जमीन में प्लॉटिंग की जाती है और नक्शा बनवाया जाता है तो वहां पर प्लॉट आसानी से दाखिल खारिज हो सकते हैं
हमने सात बीघा खेत में से आधे खेत का बैनामा सोलह साल पहले करा लिया था जिस पर तीन बीघा में हमारा निर्माण हो रहा है हमने बाकी बचे आधे खेत का बैनामा दो महीने पहले करा लिया है जिसका दाखिल खारिज नहीं हुआ है बेचने बाले ने आपत्ति लगा दी है किया हम सात बीघा खेत को धारा 143 में करा सकते हैं हमारे यहाँ चकबंदी लागू है फार्म 5 बटने बाला है
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