गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

जमीन की धारा 143 क्या है ?

दोस्तों इस लेख में आप जानेंगे

1. धारा 143 क्या है?
2. धारा 143 किस भूमि की होती है?
3. धारा 143 करवाने के फायदे?

1. धारा 143 क्या है- उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम मे धारा 143 का प्रावधान किया गया है

दोस्तों  सरल भाषा में स्पष्ट शब्दों में धारा 143  जमीन के उपयोग को चेंज करानेे में किया जाता है 

धारा 143 में कृषि भूमि को अकृषि भूमि में बदला जाता है  धारा 143 में चेंज हुई जमीन पर आप प्लॉट,घर मकान, स्कूल ,हॉस्टल, अन्य बिजनेस के उपयोग में ले सकते हैं 
लेकिन आप कृषि भूमि पर प्लॉटिंग घर या अन्य बिजनेस के रूप में कृषि भूमि को आप बिना 143 में परिवर्तन कराए कानूनी रूप से अकृषि कार्यों के लिए प्रयोग नहीं कर सकते हैं 

धारा 143 का प्रावधान इसीलिए किया गया है कि आगर यदि आप अपनी कृषि भूमि पर कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो वह जमीन धारा 143 अकृषि भूमि में परिवर्तन करानी पड़ेगी तभी आप उस भूमि को बिजनेस उद्योग अथवा    अकृषि कार्य के  लिए प्रयोग कर सकते हैं

कई स्थानों पर जमीन की धारा 143  नहीं करवाते हैं और वह अपनी खेती की जमीन पर बिना किसी 143 करवा कर उस पर घर, या उस पर प्लॉटिंग या अन्य 
कृषि कार्य करते हैं जो कि कानूनन अवैध है

 धारा 143 किस भूमि की होती है ? 143 के लिए शर्तें

* दोस्तों धारा 143 करवाने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि वह जमीन आपके नाम होनी चाहिए

* यह भी जरूरी है कि उस जमीन पर आप संक्रमण अधिकार रखने वाले जोतकार हो

* 143  करवाने से पहले आपके  नाम जमीन अधिकतम जोत सीमा साडे 12 एकड़  से अधिक नहीं होनी चाहिए

 143 करवाने के फायदे - दोस्तों जमीन को धारा 143 करवाने सेेेे अधिक फायदे होते हैं इसीलिए अधिकतर लोग जमीन की धारा 143  करवाना चाहते हैं

1. धारा 143 होने वाली जमीन अकृषि भूमि मानी जाती है इसलिए चकबंदी से बाहर हो जाती है 

2. धारा 143 होने के बाद  वह भूमि भू राजस्व  शुल्क से मुक्त हो जाती है

3. धारा 143 वाली मैं परिवर्तन होने वाली जमीन का सर्किल रेट बढ़ जाता है दोस्तों वैसे भी अधिकतर लोग धारा 143 उसी जमीन का करवाते हैं जो रोड के पास या शहर के पास होती है जिसके बेचने पर अच्छे रेट या जो प्लॉटिंग के रूप में कट सके इसके बाद भी धारा 143 वाली जमीन का सर्किल रेट अधिक होता है

4. धारा 143 वाली जमीन अधिकतम जोत सीमा साडे 12 एकड़ में नहीं जुड़ती है दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता होगा कि उत्तर प्रदेश में कोई भी  व्यक्ति के पास साडे 12 एकड़ से अधिकतम कृषि जमीन नहीं हो सकती है
और ना ही कोई व्यक्ति साढे 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद सकता है

लेकिन जो जमीन धारा 143 में परिवर्तन हो गई है वह जमीन साढे 12 एकड़ की अधिकतम जोत सीमा में नहीं जुड़ती है

5. अगर धारा 143 करवा के जमीन में प्लॉटिंग की जाती है और नक्शा बनवाया जाता है तो वहां पर प्लॉट आसानी से दाखिल खारिज हो सकते हैं

1 टिप्पणी:

  1. हमने सात बीघा खेत में से आधे खेत का बैनामा सोलह साल पहले करा लिया था जिस पर तीन बीघा में हमारा निर्माण हो रहा है हमने बाकी बचे आधे खेत का बैनामा दो महीने पहले करा लिया है जिसका दाखिल खारिज नहीं हुआ है बेचने बाले ने आपत्ति लगा दी है किया हम सात बीघा खेत को धारा 143 में करा सकते हैं हमारे यहाँ चकबंदी लागू है फार्म 5 बटने बाला है

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