1. संक्रमणी भूमि और असंक्रामणी भूमि मे क्या अंतर होता है ?
2.और इस प्रकार की भूमि पर कौन-कौन से अधिकार प्राप्त होते हैं
दोस्तों आपने संक्रमणीय भूमि और असंक्रमणी भूमि के बारे में अक्सर सुना होगा जब भी आप अपनी खेती जमीन की फर्द, खतौनी निकलवाते हैं
तो अगर वह जमीन आपकी संक्रमणीय है तो वहां फर्द खतौनी पर लिखा होता है संक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधर
और यदि वह जमीन असंक्रमणी है तो जब आप उसकी फर्द या खतौनी निकलवा आएंगे तो वहां पर लिखा होता है असंक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधर
उदाहरण- जैसा कि आप नीचे दी गई फोटो देख सकते हैं यह एक खाता विवरण की अप्रमाणित प्रति है जिसे खतौनी भी बोलते हैं
यह एक संक्रमणीय भूमि की खतौनी है खतौनी पर आप देख सकते हैं यहां पर लिखा है भूमि जो संक्रमणीय भूमिधर के अधिकार में हो इस खतौनी से पता चलता है कि इस खाता संख्या की गाटा संख्या की भूमि जिस व्यक्ति की है वह व्यक्ति उस भूमि पर संक्रमणीय अधिकार रखता है
संक्रमणीय जमीन पर प्राप्त अधिकार -यदि आपके पास कोई संक्रमणीय जमीन है तो उस पर प्राप्त अधिकार निम्नलिखित होंगें
1.संक्रमणीय भूमि पर आपको खेती करने का अधिकार है 2. संक्रमणीय भूमि आपके उत्तराधिकारियों में बट सकेगी 3..संक्रमणीय भूमि पर आप लोन भी ले सकते हैं
4.संक्रमणीय भूमि को आप वसीयत ,दान, उपहार मे दे सकते हैं या उस संक्रमणीय भूमि को आप बेच भी सकते हैं
5. संक्रमणी जमीन को धारा 143 में परिवर्तन करा सकते हैं और उस जमीन पर घर अथवा अन्य अकृषि कार्यों के लिए उपयोग भी कर सकते हैं
असंक्रमणी ज़मीन पर प्राप्त अधिकार-
संक्रमणीय भूमि की तरह 1 से 3 नंबर तक के सारे अधिकार असंक्रमणीय भूमि धरों को प्राप्त है जैसे-
1.असंक्रमणीय भूमि पर आपको कृषि करने का अधिकार है 2.असंक्रमणीय भूमि उत्तराधिकारीयों को बाटी जा सकेगी 3.असंक्रमणीय भूमि पर आप लोन भी ले सकते हैं
4.असंक्रमणीय भूमि को आप नहीं बेच सकते हैं ना ही किसी को दान में दे सकते हैं ना ही किसी को वसीयत कर सकते हैं और ना ही किसी को उपहार में दे सकते हैं
5.असंक्रमणीय भूमि को धारा 143 में परिवर्तन नहीं करवाया जा सकता है और ना हीं उस भूमि को अकृषि कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है
नोट- असंक्रमणी अधिकार वाले भूमिधर के हितों की सुरक्षा एवं समान अंतरण का अधिकार प्रदान हेतु सरकार ने उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार संशोधन अधिनियम 1995 द्वारा धारा 131क के पश्चात नई धारा 131ख जोड़ी गई है
जिसमें जोड़ी गई धारा धारा 131ख के अनुसार असंक्रमणी अधिकार वाले भूमिधर भूमि धारण के 10 वर्ष की समाप्ति के पश्चात संक्रमणी अधिकार वाले भूमिधर स्वत: समझे जायेगे
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असंकर्मणीय को संक्रमणकैसेकराएया
जवाब देंहटाएंASANKRAMNEEY BHUMI KO SANKRAMNEEY KAISE KARAYA JATA HAI
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