मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है-
क. जो पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञेय अपराध करता है तब
ख. जिसके विरुद्ध कोई उचित परिवाद किया गया है या यह विश्वसनीय सूचना प्राप्त की गई है या पुलिस को युक्तियुक्त संदेह होता है कि उसने ऐसी अवधी के कारावास से दंडित संज्ञेय अपराध किया है जो 7 वर्ष से कम है या जो 7 वर्ष तक का हो सकता है तो-
1.पुलिस अधिकारी का ऐसे परिवाद सूचना या संदेह के आधार पर विश्वास होता है कि ऐसे व्यक्ति ने यह अपराध किया है
2.पुलिस अधिकारी का समाधान हो जाता है तब
ऐसी गिरफ्तारी निम्न कारणों के लिए आवश्यक है-
क. ऐसे व्यक्ति को अग्रेतर (आगे) अपराध करने से रोकने के लिए
ख.अपराध का उचित अन्वेषण करने के लिए
ग. ऐसे व्यक्ति को अपराध के साक्ष्य को मिटाने या ऐसे साक्ष्य में किसी प्रकार की छेड़छाड़ करने से रोकने के निवारण करने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है
घ. ऐसे व्यक्ति को मामले के तथ्यों से परिचित किसी व्यक्ति को धमकी देने या वचन देने के निवारण करने के लिए ताकि उसे न्यायालय या पुलिस अधिकारी के समक्ष ऐसे तत्व को प्रकट करने के लिए विमुख किया जा सके
ड.क्योंकि जब तक ऐसा व्यक्ति गिरफ्तार नहीं किया जाएगा उसकी न्यायालय में उपस्थिति जब कभी आपेक्षित हो ,सुनिश्चित नहीं की जा सकती
और पुलिस अधिकारी ऐसी गिरफ्तारी करने के दौरान लिखित में अपने कारणों को लेखबंद्द करेगा
( लेकिन अगर कोई पुलिस अधिकारी ऐसे सभी मामलों में जिसमें किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी इस उपधारा के अधीन अपेक्षित ( जरूरत या आवश्यकता) नहीं है, गिरफ्तारी न करने के कारणों को भी लिखित रूप से अभिलिखित करेगा)
ख (क) जिसके खिलाफ विश्वसनीय सूचना प्राप्त की गई है कि उस व्यक्ति ने संज्ञेय अपराध किया है जो ऐसी अवधी के कारावास से दंडनीय है जो 7 वर्ष से अधिक या जुर्माने सहित या जुर्माना रहित या मृत्युदंड के कारावास से दंडनीय है तो पुलिस अधिकारी को ऐसी सूचना के आधार पर विश्वास करने के कारण इसी व्यक्ति ने अपराध किया है उसे गिरफ्तार किया जा सकता है
(ग) जो इस संहिता के अधीन या राज्य सरकार के आदेश द्वारा अपराधी घोषित किया जा चुका है
(घ) जिसके कब्जे में कोई ऐसी चीज पाई जाती है जो चोरी की संपत्ति है या ऐसी कोई चीज जिस पर चोरी का संदेश जाता है चोरी की है और जिस चीज के बारे में कोई ऐसी चीज है जिस पर अपराध करने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है
(ड) जो पुलिस अधिकारी को उस समय बाधा पहुंच आएगा जब वह पुलिस अधिकारी अपना कार्य कर रहा है या जो विधि पूर्ण अभिरक्षा से निकल कर भाग है या निकलकर भागने का मन कर रहा है
च. जिस पर संघ के सशस्त्र बलों में से किसी से अभित्याजक होने का उचित संदेह है
छ. जो भारत के बाहर किसी स्थान में किसी ऐसे कार्य को करेगा जो भारत में किया गया होता तो अपराध के रूप में दंडनीय होता और जिसके लिए वह पृत्यर्पण संबंधी किसी विधि के अधीन या अन्यथा भारत में पकड़े जाने का भागी है जिसके विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है या विश्वसनीय इंतला प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसी संबद्ध रह चुका है
ज.जो छोड़ा गया सिद्धदोष होते हुए धारा 356 की उप धारा 5 के अधीन बनाए गए किसी नियम को भंग करता है
झ, जिसकी गिरफ्तारी के लिए किसी अन्य पुलिस अधिकारी से लिखित या मौखिक अध्यपेक्षा प्राप्त हो चुकी है परंतु है तब जब की अध्यपेक्षा में उस व्यक्ति का जिसे गिरफ्तार किया जाना है और उस अपराध का या अन्य कारण का जिसके लिए गिरफ्तारी की जानी है विनिर्देश है और उससे यह दर्शित होता है की अध्यपेक्षा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा वारंट के बिना वह व्यक्ति विधि पूर्ण गिरफ्तार किया जा सकता था
crpc sec 42 . जब कोई व्यक्ति जिसने पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध किया है या जिस पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध करने का अभियोग लगाया गया है उस अधिकारी की मांग पर अपना नाम और निवास बताने से इंकार करता है या ऐसा नाम या निवास बताता है जो कि पुलिस अधिकारी को वह गलत लगता है तो वह इस संदेश में कि अभियुक्तों द्वारा पता नाम गलत है इसलिए वह ऐसे व्यक्ति को नाम और निवास निश्चित करने के लिए गिरफ्तार कर सकता है
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