सबसे पहले समझते हैं आईपीसी की धारा 420 को
IPC की धारा 420 के अनुसार छल करना और संपत्ति प्ररिदत्त (प्राप्त )करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करना
उदाहरण अ,नाम का व्यक्ति ब,नाम के व्यक्ति को जानकर नकली कांच के हीरे दिखाकर बोलता है
यह असली हीरे हैं इन्हें खरीद लो और ब,व्यक्ति उन हीरो को असली समझ कर खरीद लेता है और उन नकली कांच के हीरो के बदले में चार सोने के सिक्के दे देता है यहां पर 4 सिक्के के सोने के रूप में संपत्ति प्ररिदत्त हुई है और इस स्थिति में अ,व्यक्ति आईपीसी की धारा 420 के अधीन दोषी होगा और उसे 7 वर्ष के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है
1. इस धारा में संपत्ति प्रदत्त होना जरूरी है
2. इस धारा में 7 वर्ष और जुर्माने का कारावास है
3. आईपीसी की धारा 420 किया गया अपराध संघेय अपराध की श्रेणी में आता है
IPC 417 छल के लिए दंड - IPC की धारा 417 के अनुसार जो व्यक्ति छल करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है
उदाहरण अ,नाम का व्यक्ति ब,नाम के व्यक्ति को जानकर नकली कांच के हीरे दिखाकर बोलता है
यह असली हीरे हैं इन्हें खरीद लो और ब,व्यक्ति उन हीरो को असली समझ कर खरीद लेता है और बाद मे समझ लेता है कि यह नकली है और अ,व्यक्ति को बदले में कोई भी संपत्ति नहीं देता है इस उदाहरण में संपत्ति प्रदत्त नहीं हुई है इसलिए अ,व्यक्ति आईपीसी की धारा 417 के अधीन दोषी होगा जिसे 1 वर्ष के कारावास या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है
1 इस धारा में संपत्ति प्ररिदत्त नहीं होती है
2. इस धारा में 1 वर्ष के कारावास और जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है
3. इस धारा के अधीन किया गया अपराध असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है
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