शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

आईपीसी धारा 420, 417 में अंतर

इस लेख में आसान और शार्ट में जानेंगे कि आईपीसी की धारा 420 और 417 में क्या अंतर होता है



सबसे पहले समझते हैं आईपीसी की धारा 420 को
IPC की धारा 420 के अनुसार छल करना और संपत्ति प्ररिदत्त (प्राप्त )करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करना 

उदाहरण अ,नाम का व्यक्ति ब,नाम के व्यक्ति को जानकर नकली कांच के हीरे दिखाकर बोलता है
 यह असली हीरे हैं इन्हें खरीद लो और ब,व्यक्ति उन हीरो को असली समझ कर खरीद लेता है और उन नकली कांच के हीरो के बदले में चार सोने के सिक्के दे देता है   यहां पर 4 सिक्के के सोने के रूप में संपत्ति प्ररिदत्त हुई है और इस स्थिति में अ,व्यक्ति आईपीसी की धारा 420 के अधीन दोषी होगा और उसे 7 वर्ष के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है

1. इस धारा में संपत्ति प्रदत्त होना जरूरी है
2. इस धारा में 7 वर्ष और जुर्माने का कारावास है
3. आईपीसी की धारा 420 किया गया अपराध संघेय अपराध की श्रेणी में आता है

  IPC 417 छल के लिए दंड - IPC की धारा 417 के अनुसार जो व्यक्ति छल करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है

 उदाहरण अ,नाम का व्यक्ति ब,नाम के व्यक्ति को जानकर नकली कांच के हीरे दिखाकर बोलता है
 यह असली हीरे हैं इन्हें खरीद लो और ब,व्यक्ति उन हीरो को असली समझ कर खरीद लेता है और बाद मे समझ लेता है कि यह नकली है और अ,व्यक्ति को बदले में कोई भी संपत्ति नहीं देता है  इस उदाहरण में संपत्ति प्रदत्त नहीं हुई है इसलिए अ,व्यक्ति आईपीसी की धारा 417 के अधीन दोषी होगा जिसे 1 वर्ष के कारावास या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है

1  इस धारा में संपत्ति प्ररिदत्त नहीं होती है
2. इस धारा में 1 वर्ष के कारावास और जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है
3. इस धारा के अधीन किया गया अपराध असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है

यदि आपको और भी जानकारी चाहिए तो आप मुझे इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते इंस्टाग्राम यूजरनेम दिया गया है  प्रश्न पूछ सकते हैं

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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

IPC - 420 IPC - 417 छल, बेईमानी कब होता है और कितनी सजा है

इस लेख में सरल भाषा में आप जानेगे IPC 420
 किन दशाओं में लगती है  IPC 417 और इस धारा के अधीन अपराध करने पर कितने वर्ष की सजा कारावास है




IPC 420 छल करना और संपत्ति प्ररिदत्त ( प्राप्त) करने के लिए बेईमानी से किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करेगा-  वह इस धारा के अधीन अपराध करता है तो उस व्यक्ति को 7 साल तक का कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है


लेकिन दोस्तों आपको 420 के साथ-साथ IPC 417-छल के लिए दंड भी समझना बहुत जरूरी  है

  सरल भाषा में स्पष्टीकरण

इस धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के साथ इस प्रकार से छल करता है कि वह व्यक्ति अपनी संपत्ति उस व्यक्ति को दे दे , और उस छल से यदि संपत्ति प्राप्त लेता है तो वह आईपीसी की धारा 420 के अधीन दोषी होगा

  उदाहरण-1  यदि आप सोना खरीदने जाते हैं और कोई भी व्यक्ति आपको नकली सोने के जेवरो को असली सोने के जेवर बता कर आपको वह जेवर असली सोने की कीमत पर दे देता है ,और आपसे असली सोने की कीमत के पैसे प्राप्त कर लेता है ( संपत्ति की कीमत कुछ भी हो सकती है) तो वह व्यक्ति 420 के अधीन दोषी होगा

 उदाहरण -2 आपने कई बार सुना होगा कि कई बार फ्रॉड कॉल की जाती है और उस कॉल के जरिए आप के ATM का पासवर्ड या आपके ATM की डिटेल मांगी जाती है और डिटेल बता देने पर आपके सभी पैसे
 आपके खाते से उड़ा दिए जाते हैं तो यह अपराध भी 420 की श्रेणी में आता है 

 लेकिन अब दोस्तों सबसे जरूरी बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति ने आपको फ्रॉड कॉल की और आपसे बैंक ATM की डिटेल मांगी गई  लेकिन यदि मान लीजिए वहां पर किसी तरह  संपत्ति प्ररिदत्त नहीं हुई है यानी कि आपका पैसा बेईमानी करने वाले ने नहीं चुरा पाया है नहीं ले पाया है तो वहां पर उस व्यक्ति को आईपीसी की धारा 417 के अधीन दोषी होगा 

IPC - 417 का सरल शब्दों में स्पष्टीकरण

अगर मान लीजिए आपके साथ किसी व्यक्ति ने फ्रॉड किया है छल किया है और वह व्यक्ति आपसे संपत्ति नहीं ले जा पाया है तो उस दशा में आईपीसी की धारा 417 लगेगी और 1 वर्ष का कारावास होगा

लेकिन अगर किसी व्यक्ति ने आपके साथ फ्रॉड किया है और उस फ्रॉड से आपकी संपत्ति भी उसने उसके पास पहुंच गई उसने संपत्ति आपकी ले लिए तो वहां पर वह व्यक्ति IPC 420 के अधीन दोषी होगा और 7 वर्ष का कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा


दोस्तों यदि आपका कोई प्रश्न है तो आप मुझे इंस्टाग्राम पर पूछ सकते हैं इंस्टाग्राम यूजरनेम दिया गया है 

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मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

दृढ़ संकल्प और अपने मन इंद्रियों को स्थिर कर जीवन में सही निर्णय लेना सीखे


 दोस्तों अक्सर हमारे जीवन में कुछ गलतियां हम से ऐसी हो जाती है जो हम न चाहकर भी और यह जानकर कि हां यह गलती है ऐसे नहीं करना चाहिए और हम कर बैठते हैं  उसकी मुख्य वजह होती है कि हम अपनी इंद्रियों को काबू में नहीं कर पाते हैं और आप एक बात जान ले कि हमारी इंद्रियां इतनी  वेगवान होती है इतनी ताकतवर होती है कि वे एक विवेक समझदार पुरुष और ज्ञानी पुरुष के मन को भी बलपूर्वक हर लेते हैं और हम गलती कर बैठते हैं या हम यह जानकर भी कि मैं जो कर रहा हूं गलत कर रहा हूं और फिर भी वह गलती कर बैठते हैं    

चलिए जान लेते हैं हम अपनी इंद्रियों को मन कैसे वश में करें कैसे गलती करने से बचें 

 उदाहरण- कई बार आपने देखा होगा जिन लोगों को डायबिटीज होती है जो शुगर के मरीज होते हैं और जब घर में मिठाइयां बनती है तो वह अपने आप पर काबू नहीं कर पाते वह यह जानकर भी कि मिठाई मुझे नुकसान करेगी फिर भी वह खाते हैं क्योंकि वह अपनी इंद्रियों पर काबू नहीं कर पा रहे हैं इसका परिणाम उन्हें यह मिलता है कि उन्हें वह मिठाई नुकसान ही करती है


सिगरेट पीने वाले लोग वह जानते हैं कि धूम्रपान से कैंसर होताा है सिगरेट के डब्बे के ऊपर स्पष्ट रुप से लिखा होता हैै कि धूम्रपान से कैंसर होता है
फिर भी वह लोग अपने आप को सिगरेट पीने से नहीं रोक पाते हैं

 गीता श्लोक के अनुसार




यततो ह्यपि कौन्तेय पुरूषस्य विपश्र्चित:|
इन्द्रियाणि प्रमाथीन हरन्ति प्रसभं मनः ||६०||



 हिंदी अर्थ

श्री कृष्ण भगवान अर्जुन से कहते हैं कि हे अर्जुन ! इंद्रियां इतनी प्रबल तथा वेगवान है कि वे उस विवेक पुरुष के मन को भी बलपूर्वक हर लेती है, जो उन्हें वश में करने का प्रयत्न करता है 

अनेक विद्वान ऋषि  इंद्रियों को वश में करने का प्रयत्न करते हैं किंतु उनमें से बड़े से बड़ा भी कभी-कभी विचलित मन के कारण इंद्रियभोग का लक्ष्य बन जाता है यहां तक कि विश्वामित्र जैसे महर्षि तथा जो पूर्ण रूप से योगी थे वह भी  मेनका के साथ  संभोग में प्रवृत्त होना पड़ा , हालांकि भी इंद्रियनिग्रह के लिए कठिन तपस्या तथा योग कर रहे थे विश्व इतिहास गवाह है इसी तरह की अनेक घटनाएं है इंद्रियों को वश में करना अत्यंत कठिन है | अपने मन को भगवन श्री कृष्ण में लगाए बिना मनुष्य ऐसे भौतिक कार्यों को बंद नहीं कर सकता है

सोमवार, 5 अप्रैल 2021

crpc 60 पुलिस अभिरक्षा से भागने पर पीछा कर पकड़ने की शक्ति

crpc60 (1). यदि किसी व्यक्ति को पुलिस ने विधिपूर्वक गिरफ्तार किया है और वह विधिपूर्वक अभिरक्षा से निकलकर भागता है या किसी व्यक्ति द्वारा छुड़ा लिया जाता है तो वह व्यक्ति जिसकी अभिरक्षा से वह निकल कर भागा है वह पुलिस अधिकारी उसका तुरंत पीछा कर सकता है और भारत के किसी स्थान में उसे गिरफ्तार कर सकता है 

(2). उप धारा 1 के अधीन गिरफ्तारी यों को धारा 47 के उपबंध लागू होंगे , भले ही ऐसी गिरफ्तारी करने वाला व्यक्ति वारंट के अधीन कार्य न कर रहा हो और गिरफ्तारी करने का प्राधिकार रखने वाला पुलिस अधिकारी न हो

पुलिस कब मारपीट (बल प्रयोग) कर सकती है

 इस लेख में आप जानेंगे कि पुलिस को बल प्रयोग कर सकती है कब मारपीट कर सकती है

अधिकतर देखा जाता है कि पुलिस मारपीट या गाली गलौज करने लगती है जो कि पुलिस को किसी भी कानूनी से गाली देने का अधिकार या बिना वजह मारने का अधिकार नहीं होता है और इस लेख में आपको बता दूं कि पुलिस को कब मारपीट करने का अधिकार होता है

 crpc 46 में बताया गया है - कि गिरफ्तारी कैसे की जाएगी सीआरपीसी 46 में यह भी बताया गया है कि पुलिस कितना बल प्रयोग कर सकती है कब किसी व्यक्ति के साथ मारपीट कर सकती है  सीआरपीसी 46 के अनुसार पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर रही है और उस व्यक्ति ने गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की या वह गिरफ्तारी नहीं दे रहा है तो ऐसी स्थिति में पुलिस उस व्यक्ति को मारपीट सकती है उसके लाठी डंडे मार सकती है और  हथकड़ी लगा सकती है इसके  अलावा पुलिस को मारने पीटने का अधिकार किसी भी कानून में नहीं है

लेकिन गिरफ्तारी के दौरान भी मारना पीटना बल प्रयोग करने का अधिकार तभी है जब गिरफ्तार किया जाने वाला व्यक्ति सीधी तरह गिरफ्तारी न दें और वह गिरफ्तारी से बचकर भागे तभी अन्यथा अगर कोई व्यक्ति आसानी से गिरफ्तारी दे रहा है तो वहां पर भी पुलिस को मारने पीटने का अधिकार नहीं है

और दोस्तों अगर यदि आपका कोई क्वेश्चन हो तो आप मुझे इंस्टाग्राम पर पूछ सकते हैं इंस्टाग्राम यूजरनेम

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विकास प्राधिकरण अप्रूव्ड कॉलोनी प्लाटिंग कौन सी होती है और फ्री होल्ड कॉलोनी जमीन कौन सी होती है

1 - D A  एप्रूव्ड ( डी ए से स्वीकृत)  वह जमीन जो विकाश प्राधिकरण किसानों से खरीद कर स्वयं या किसी बड़े बिल्डर से शहरी आवासीय योजना के मानको क...