अ अपनी भूमि ₹5000 में बेचने के लिए ब, से एक संविदा करता है ब भूमि का कब्जा प्राप्त कर लेता है ब भूमि का कब्जा प्राप्त कर लेता है तत्पश्चात अ ऐसी भूमि को स ,के नाम ₹6000 में बेच देता है स, ब, से भूमि में उसका क्या हित है के बारे में कोई भी जांच नहीं करता यहां भूमि पर ब, का कब्जा होना पर्याप्त आधार है यह मानने के लिए कि स, को ब, के हित की सूचना है और ब, स के विरुद्ध संविदा के विनिर्दिष्ट पालन को परिवर्तित करा सकता है (लागू करवा सकता है)
वास्तविक कब्जा सूचना के रूप में( actual possession as notice)
स्पष्टीकरण 2 संपत्ति अंतरण संशोधन अधिनियम 1929 के माध्यम से धारा 3 में जोड़ा गया यह स्पष्टीकरण कहता है कि किसी अचल संपत्ति का कब्जा उस संपत्ति के उस व्यक्ति के हक की सूचना है जिसका तत्समय (वर्तमान समय में उस पर वास्तविक कब्जा है)
इस स्पष्टीकरण के परिणाम स्वरूप इस प्रश्न को लेकर उच्च न्यायालय के निर्णय में मतभेद था- कि कब्जा रचनात्मक सूचना( कब्जा धारक के हक की) के रूप में लागू होगा कि नहीं - वह समाप्त हो गया है कब्जा सूचना के रूप में लागू होगा परंतु ऐसा कबजा जैसे कि स्पष्टीकरण करता है वास्तविक कब्जा होना चाहिए ना कि रचनात्मक कब्जा
इसका उदाहरण हमने आपको ऊपर दिया है द्वारा पढ़कर फिर समझ सकते हैं
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