कमिश्नरिया उत्तर प्रदेश 18 कमिश्नर यो में विभाजित है सरल भाषा में जिस प्रकार परगनाओं से मिलकर तहसील बनती है तथा तहसील से मिलकर जिला बनता है उसी प्रकार जिलों से मिलकर कमिश्नरी बनती है
इस प्रकार 1 कमिश्नरी में दो या दो से अधिक जिले हो सकते हैं
कमिश्नरी के कार्य जब कोई आपका कृषि की जमीन से संबंधित कोई मामला होता है राजस्व से जुड़ा मामला है तो सबसे पहले आप तहसीलदार न्यायालय के यहां जाते हैं उसके बाद आप अपील के लिए सहायक कलेक्टर के पास जाते हैं और उसके बाद वह मामले की अपील आप कमिश्नरी में कर सकते हैं
* कमिश्नरी एक राजस्व न्यायालय हैं जो राजस्व मामलों को देखता है
* कमिश्नरी मे केवल अपीलीय मामले जाते हैं
कमिश्नर क्या होते हैं कमिश्नर यहां पर पुलिस कमिश्नर की बात नहीं की गई है यहां पर बात की गई है कमिश्नर जिन्हें हम मंडलायुक्त की भी कहते हैं
* इनकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है
*यह कमिश्नरयो में होते हैं और यह राजस्व मामले देखते हैं
* यह राजस्व न्यायालय और राजस्व अधिकारी होते हैं
* तथा कमिश्नर जिसे मंडलायुक्त बोलते हैं यह कलेक्टर से बड़ा पद है
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