व्यक्तियों की प्रतिष्ठा(इज्जत या सम्मान )को बनाए रखने के लिए IPC की धारा 499 से 502 तक में मानहानि के बारे में प्रावधान किया है लेकिन आज हम आपको आईपीसी की धारा 499 मानहानि और आईपीसी की धारा 500 मानहानि के लिए दंड के बारे में बताएंगे
IPC 499 मानहानि किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाया या प्रकाशित किया जाता है कि ऐसे लांछन से ऐसी व्यक्ति की ख्याति (सम्मान) प्रतिष्ठा की अपहानी होती है या कोई व्यक्ति जानबूझकर यह विश्वास करने का कारण देखते हुए उसके बारे में कोई गलत लांछन लगाता है या प्रकाशित करता है जिससे किसी व्यक्ति के सम्मान की अपहानी होगी तो लांछन लगाने या प्रकाशित करने वाले व्यक्ति को सिर्फ अपवादित दशाओं को छोड़कर
ऐसा माना जाएगा कि जिसने लांछन लगाया है वह व्यक्ति उस व्यक्ति की मानहानि करता है
1. उदाहरण - अगर कोई व्यक्ति किसी मरे हुए व्यक्ति को भी कोई लांछन लगाता है तो वह भी मानहानि की श्रेणी में आएगा क्योंकि मरे हुए व्यक्ति पर लांछन लगाने से उस मरे हुए व्यक्ति के पुत्र पुत्री या रिश्तेदार या जो भी संबंधी है उनको पीड़ा होगी उनको परेशानी होगी उनके सम्मान की अपहानि होगी इसलिए यह मानहानि की कोटि में आता है
नोट- किसी व्यक्ति पर लांछन बोले गए शब्दों द्वारा, या किसी अखबार या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा लगाया जा सकता है ,और लांछन द्वारा दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने का आशय मानहानि का महत्वपूर्ण आवश्यक तत्व है
2. उदाहरण- अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी या व्यक्तियों के समूह पर इस आशय से लांछन लगाता है कि उस कंपनी की बदनामी हो जो भी व्यक्तियों का समूह है उनकी बदनामी हो उनका नुकसान हो तो यह स्थिति भी मानहानि की श्रेणी में आती है
मानहानि के कुछ अपवाद जब कुछ लांछन को मानहानि की श्रेणी में नहीं रखा जाता है
1. अपवाद- सत्य बात का लांछन जिसका लगाया जाना है या प्रकाशित किया जाना लोक कल्याण के लिए अपेक्षित है किसी ऐसी बात का लांछन लगाना जो किसी व्यक्ति के संबंध में सत्य हो वास्तव में सत्य है तो वह मानहानि नहीं है उदाहरण- अगर कोई दुकानदार खाने का तेल में वास्तव में मिलावट करता है और उसका खाने का तेल वास्तव में खराब है तो आप लोगों को बता सकते हैं कि वह दुकानदार बेकार मिलावटी खाने का तेल बेचता है लोगों को आप सचेत कर सकते हैं जो कि मानहानि की श्रेणी में नहीं आता है
2. अपवाद न्यायालयों की कार्रवाई की रिपोर्टो का प्रकाशन करना -किसी न्यायालय को कार्रवाई की या किन्ही ऐसी कार्रवाइयों के परिणामम की सारतः सही रिपोर्ट को प्रकाशित करना मानहानि नहीं है
3. प्राधिकृत व्यक्ति के समक्ष सदभावना पूर्वक अभियोग लगाना मानहानि नहीं है
4. अधिवक्ता द्वारा नोटिस का जवाब भी मानहानि नहीं है यदि कोई अधिवक्ता किसी व्यक्ति के नोटिस का जवाब अपने लिपिक से लिखवाता है तथा ऐसे जवाब में लांछन होते हैं , तब भी इसे धारा 499 एवं 500 के प्रयोजनार्थ प्रकाशन नहीं माना जा सक्ता क्योंकि अधिवक्ता का यह कार्य उसके वृत्तिक संसूचना के अधिकार के अंतर्गत संरक्षित है
IPC धारा 500 मानहानि के लिए दंड- जो कोई किसी अन्य व्यक्ति की मानहानि करेगा वह सादा कारावास से जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा
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