सीआरपीसी crpc के सेक्शन 2ग या इंग्लिश मे 2c मे संज्ञेय अपराध की परिभाषा दी गई है और सीआरपीसी सेक्शन 2ठ या इंग्लिश मे 2L मे असंज्ञेय अपराध को परिभाषित किया गया है
1पॉइंट
crpc 2c संज्ञेय अपराध या संज्ञेय मामले से ऐसा अभिप्रेत है ऐसा अपराध जो गंभीर किस्म का अपराध है
ऐसा अपराध जिसको करने पर उसकी सजा 3 वर्ष या 3 वर्ष से अधिक के कारावास के दंडनीय है वह अपराध संज्ञेय अपराध कहलाता है अथवा संज्ञेयअपराध की श्रेणी में आता है लेकिन
crpc 2L असंज्ञेय अपराध असंज्ञेय अपराध का ऐसे अपराध से अभिप्रेत है जो असंज्ञेय मामला है यानी जो अपराध कम गंभीर अपराध है ऐसा अपराध जो करने पर 3 वर्ष से कम के कारावास दंणनीय है वह असंज्ञेय अपराध कहलाता है अथवा असंगज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है
2पॉइंट
crpc 2c इस उपधारा के अनुसार संज्ञेय अपराध या संज्ञेय मामले में ऐसे मामले मे पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है लेकिन
crpc2L इस उप धारा के अनुसार असंज्ञेय अपराध या असंज्ञेय के मामलों में पुलिस अधिकारी सामान्यतः वारंट के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता है पर CRPC 42 कुछ कारण बताए है उनको भी जानले
crpc42 के अनुसार जब कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में कोई अंसंज्ञेय अपराध करता है या जिस पर पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में असंज्ञेय अपराध करने का अभियोग लगाया गया है
और उस पुलिस अधिकारी की मांग पर यदि वह व्यक्ति अपना नाम और निवास बताने से इंकार करता या वह गलत नाम पता बताता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता
3पॉइंट
crpc-2c संज्ञेय अपराध में पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश निर्देश के बिना इस तरह के मामले का अन्वेषण (जांच) कर सकता है लेकिन
crpc-2L असंज्ञेय अपराध में पुलिस अधिकारी बिना किसी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के इस तरह के मामलों का अन्वेषण जांच नहीं कर सकता और ना ही उसके पास इस तरह के मामलों का अन्वेषण जांच करने का अधिकार है
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