जैसा कि पिछले लेख में हम ने आईपीसी की धारा 305 शिशु व उन्मुक्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण और 306 आत्महत्या का दुष्प्रेरण के बारे में बताया था लेकिन इस लेख में आईपीसी की धारा 309 जो इनय धाराओं से बिल्कुल अलग है इस लेख में जान लेते हैं आईपीसी की धारा 309 के बारे में
IPC 309- आत्महत्या का प्रयत्न- जो कोई व्यक्ति आत्महत्या करने का प्रयत्न करेगा और उस आत्महत्या जैसे अपराध के करने के लिए कोई कार्य करेगा वह सादा कारावास जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा
संपूर्ण विधी में एक ऐसा अपराध है जो पूरा हो जाने पर दंडनीय नहीं होता क्योंकि जो व्यक्ति आत्महत्या कर लेगा उसकी तो मृत्यु हो जाएगी फिर उसे तो दंडित किया नहीं जा सकता इसलिए आत्महत्या की कोशिश करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है
1.उदाहरण- एक स्त्री कुएं में कूदकर आत्महत्या करने के आशय से कुआं की ओर दौड़ती है लेकिन कुएं में कूदने से पूर्व ही उसे एक व्यक्ति द्वारा पकड़ लिया जाता है न्यायालय निर्धारण किया कि वह आत्महत्या के प्रयास की दोषी नहीं थी क्योंकि कुएं में कूदने से पूर्व वह अपने आशय को बदल सकती थी यह मात्र एक तैयारी थी
2. उदाहरण -एक स्त्री कुएं में कूदकर आत्महत्या के आशय से और वह कुएं में कूद जाती है गांव वाले लोगों द्वारा उसे कुएं से बाहर मरने से पहले ही निकाला जाता है और भाई स्त्री बस जाती है ऐसे में वह स्थिति आईपीसी की धारा 309 के अंतर्गत दोषी होगी क्योंकि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की
3. उदाहरण- एक स्त्री का पति उसके साथ मारपीट करता है और एक बार उस स्त्री से कोई घर में काम बिगड़ जाता है वह स्त्री पिटने के डर के कारण कुएं में आत्महत्या के आशय से कुएं में कूद जाती है वह IPC की धारा 309 के अंतर्गत दोषी नहीं होगी क्यों कि उसका आशय आत्महत्या का नहीं था बल्कि अपने पति के डर के कारण उसे मजबूरन यह करना पड़ा
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