भारतीय दंड संहिता 293 के प्रावधान
इस धारा के अनुसार कोई भी व्यक्ति 20 वर्ष से कम आय के किसी भी व्यक्ति को अश्लील वस्तु जैसे- अश्लील पुस्तक पुस्तिका ,कागज पर बने चित्र ,फोटो, अश्लील वस्तु अश्लील वीडियो जैसे ब्लू फिल्म आपको यदि बेचता है या भाड़े पर देता है या उन्हें वितरण करेगा या उन्हें दिखाएगा या उन्हें देने और दिखाने का प्रयत्न करेगा अगर वह ऐसा पहली बार करता है तो वह किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि 3 वर्ष तक की हो सकती है से दंडनीय होगा
अगर वह ऐसा कार्य द्वारा करते हुए पकड़ा गया तो ऐसी स्थिति में वह दोनों भात के कारावास जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की जुर्माने से दंडनीय होगा
उदाहरण 1- यदि कोई कंप्यूटर आज वाला 20 वर्ष के कम आयु के व्यक्ति को अश्लील फोटो अश्लील वीडियो देता है या दिखाता है या उनके मेमोरी कार्ड में डालता है या उन्हें कोई अश्लील पुस्तक पढ़ने के लिए देता है तो ऐसी कंडीशन में वह इस धारा के अधीन दोषी होगा और वह 3 वर्ष के कारावास के दंड नहीं हो सकता है
उदाहरण 2- अगर कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को जो 20 वर्ष से नीचे है उसे अपने जननांग दिखाता है या उन्हें अश्लील बातें सुनाता है तो ऐसी कंडीशन में वह इस धारा के अधीन दोषी होगा
इस धारा का मकसद समाज में अश्लीलता को कम करने के लिए और जो अथवा बच्चों को जो नासमझ है उन्हें ऐसे कार्यों से दूर रखने के लिए समाज को अच्छा बनाने के लिए जो 20 वर्ष से कम आयु के लोग हैं जैसे बच्चे लड़के लड़कियां अथवा जो भी 20 वर्ष से नीचे है उनमें ऐसी अश्लीलता ओं को बढ़ने से रोकने के लिए इस धारा का होना बहुत जरूरी है अगर कोई भी व्यक्ति आपके बच्चे को या जो व्यक्ति 20 वर्ष से कम है उसे अश्लील चित्र अश्लील बात अश्लील गालियां अश्लील पुस्तक देता है या उन्हें अश्लीलता सिखाता है या अश्लील कार्य सिखाता है तो ऐसी कंडीशन में वह एक अपराध है जो समाज में समाज को बिगाड़ना चाहते हैं और जो भी आपके बच्चे हैं उन्हें बिगाड़ना चाहते हैं उन्हें गलत चीज सिखना चाहते हैं तो अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है तो आप बिना हिचकिचाहट पुलिस को बता सकते हैं पुलिस से उसकी शिकायत कर सकते हैं जिससे ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो सके और उन्हें सलाखों के पीछे किया जाए
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